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ईरान की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, और वर्तमान के बारे में।

1.प्राचीन इतिहास और पर्सियाई सभ्यता

ईरान का प्राचीन इतिहास लगभग 5000 साल पुराना है, जिसमें कई महान सभ्यताएँ और साम्राज्य विकसित हुए। सबसे पहले, एलामाइट (Elamite) सभ्यता, जो कि 3000 ईसा पूर्व के आसपास अस्तित्व में थी, ईरान की प्राचीन सभ्यताओं में शामिल मानी जाती है। एलामाइट्स ने संस्कृतियों का आदान-प्रदान किया और एक मजबूत प्रशासनिक व्यवस्था स्थापित की।

1.1. पर्सियन साम्राज्य का उदय

ईरान का सबसे प्रसिद्ध और प्रभावशाली साम्राज्य अखमेनिद साम्राज्य (Achaemenid Empire) था, जिसे साइरस महान (Cyrus the Great) ने 550 ईसा पूर्व में स्थापित किया। साइरस ने कई देशों को अपने अधीन किया और एक विशाल साम्राज्य की नींव रखी। यह साम्राज्य आधुनिक ईरान, इराक, अफगानिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, अर्मेनिया, अज़रबैजान, और अन्य क्षेत्रों में फैला था।

अखमेनिद साम्राज्य में दारेयुस I (Darius I) और क्सर्शेस I (Xerxes I) जैसे शासक हुए जिन्होंने प्रशासनिक सुधारों को लागू किया और साम्राज्य का विस्तार किया। इस साम्राज्य का सबसे प्रसिद्ध युद्ध ग्रीक-फारसी युद्ध था, जिसमें फारसी साम्राज्य ने ग्रीस के साथ कई युद्ध लड़े। हालांकि, अंततः यह साम्राज्य एलेक्जेंडर द ग्रेट द्वारा 330 ईसा पूर्व में ध्वस्त कर दिया गया।

1.2. सासानी साम्राज्य

साइरस और दारेयुस के बाद, पर्सिया में सासानी साम्राज्य (Sassanid Empire) ने 224 ईस्वी में सत्ता में आया। यह साम्राज्य रोम और बाद में इस्लामिक आक्रमणों से संघर्ष करता रहा। सासानी साम्राज्य के समय में ज़ोरस्त्रियन धर्म (Zoroastrianism) प्रमुख धर्म था और साम्राज्य की सांस्कृतिक धरोहर प्राचीन ईरान की पहचान बन चुकी थी।

2. इस्लामिक आक्रमण और इस्लाम का प्रभाव

7वीं सदी में ईरान में अरबों ने आक्रमण किया और सासानी साम्राज्य को 651 ईस्वी में ध्वस्त कर दिया। इसके बाद, ईरान के अधिकांश हिस्से पर इस्लाम का प्रभाव बढ़ा और अरबी खलीफा की सत्ता स्थापित हुई। इस समय के बाद, ईरान ने धीरे-धीरे शिया इस्लाम को अपनाया, जो आज भी ईरान का प्रमुख धर्म है।

2.1. इस्लामिक खलीफा और क्षेत्रीय शासन

अरबों के आक्रमण के बाद, ईरान में विभिन्न इस्लामिक खलीफों का शासन रहा, लेकिन ईरान की पहचान की ख़ासियत शिया इस्लाम और ईरानी संस्कृति बनी रही। 9वीं और 10वीं सदी में सफरिद, सामीद, और बूइद जैसी इस्लामिक राजवंशों ने ईरान पर शासन किया।

3.मध्यकालीन ईरान और तुर्कों का आगमन

13वीं और 14वीं सदी में, ईरान में तुर्कों और मंगोलों के आक्रमण हुए। मंगोलों के आक्रमण (1270-1300) ने ईरान की जनसंख्या और अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव डाला, लेकिन इसके बावजूद ईरान की संस्कृति और सभ्यता का विकास जारी रहा।

3.1. सफ़वीद साम्राज्य (1501–1736)

सफ़वीद साम्राज्य ने ईरान के इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 16वीं सदी में इस्माइल I ने ईरान में शिया इस्लाम को राज्य धर्म घोषित किया और तेहरान को अपनी राजधानी बनाई। सफ़वीद साम्राज्य ने कला, साहित्य, और विज्ञान के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कार्य किए। सफ़वीद साम्राज्य ने ईरान को राजनीतिक और सांस्कृतिक दृष्टि से पुनः एकजुट किया, हालांकि 18वीं सदी में यह साम्राज्य कमजोर पड़ा और 1736 में समाप्त हो गया।

4.कज़ार साम्राज्य और आधुनिकता की ओर कदम

19वीं सदी में, कज़ार साम्राज्य (Qajar Empire) के दौरान, ईरान ने यूरोपीय शक्तियों, खासकर ब्रिटेन और रूस, के साथ अपनी सीमाओं के लिए कई संघर्ष किए। कज़ारों के शासन के दौरान, ईरान में कई सुधारों की शुरुआत हुई और कुछ हद तक यूरोपीय प्रभाव बढ़ा। कज़ार साम्राज्य के अंत में, ईरान में पहलवी राजवंश का उदय हुआ।

5.ईरान में राजनीतिक परिवर्तन: 20वीं सदी

ईरान के इतिहास में 20वीं सदी एक बहुत ही महत्वपूर्ण मोड़ था, जिसमें दो प्रमुख घटनाएँ घटीं: संविधानिक क्रांति और इस्लामिक क्रांति

5.1. संविधानिक क्रांति (1905-1911)

ईरान में 1905 में संविधानिक क्रांति (Constitutional Revolution) हुई, जिसमें जनता ने शाही तानाशाही के खिलाफ आवाज उठाई और एक संवैधानिक शासन की स्थापना की। यह क्रांति ईरान में आधुनिकता और लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम थी।

5.2. इस्लामिक क्रांति (1979)

1979 में आयतुल्ला खोमैनी के नेतृत्व में ईरान में एक इस्लामिक क्रांति हुई, जिसने शाही शासन को उखाड़ फेंका और ईरान को एक इस्लामिक गणराज्य में बदल दिया। इस क्रांति का मुख्य उद्देश्य पश्चिमी प्रभाव को समाप्त करना और शरिया कानून को लागू करना था। शाह मोहम्मद रज़ा पहलवी को सत्ता से हटा दिया गया और ईरान में एक धार्मिक गणराज्य की स्थापना हुई। इसके बाद, ईरान और पश्चिमी देशों, खासकर अमेरिका, के रिश्ते तनावपूर्ण हो गए।

6.ईरान-इराक युद्ध (1980-1988)

1980 में, इराक के राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन ने ईरान पर आक्रमण किया, जिसे ईरान-इराक युद्ध (Iran-Iraq War) के नाम से जाना जाता है। यह युद्ध आठ साल तक चला और दोनों देशों को भारी नुकसान हुआ। युद्ध के दौरान, ईरान ने अपनी सैन्य शक्ति को और अधिक मजबूत किया, लेकिन यह भी देखा गया कि युद्ध ने ईरान की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को बहुत प्रभावित किया।

7.समकालीन ईरान: 21वीं सदी

21वीं सदी में, ईरान कई आंतरिक और बाहरी चुनौतियों का सामना कर रहा है। आयतुल्ला अली ख़ामेनेई के नेतृत्व में, ईरान ने एक धार्मिक राज्य के रूप में अपनी पहचान बनाई है। हालांकि, इसका अर्थ यह नहीं कि ईरान ने राजनीतिक और सामाजिक बदलावों को नजरअंदाज किया है।

7.1. परमाणु मुद्दा

ईरान का परमाणु कार्यक्रम एक बड़ा वैश्विक विवाद बन चुका है। 2000 के दशक की शुरुआत से ही ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम के कारण पश्चिमी देशों के साथ तनाव बनाए रखा। 2015 में, ईरान परमाणु समझौता (JCPOA) हुआ, लेकिन 2018 में अमेरिका ने एकतरफा तरीके से इस समझौते से बाहर निकलने का निर्णय लिया, जिससे स्थिति फिर से तनावपूर्ण हो गई।

7.2. आंतरिक असंतोष और विरोध प्रदर्शन

ईरान में आर्थिक संकट, बेरोजगारी, और भ्रष्टाचार के कारण विरोध प्रदर्शन होते रहते हैं। 2022 में महसा अमिनी की मौत के बाद महिलाओं के अधिकारों और हिजाब के मुद्दे पर बड़े विरोध प्रदर्शन हुए, जो समाज में बड़े बदलाव की आवश्यकता को रेखांकित करते हैं।

ईरान का इतिहास एक महान और विविधतापूर्ण धरोहर है, जिसमें विभिन्न सभ्यताओं, साम्राज्यों, और संघर्षों की गहरी छाप है।

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