कश्यप पटेल जिन्हे काश पटेल(kash patel) के नाम से जाने जाते है उनका पूरा नाम ‘कश्यप प्रमोद पटेल’ है। उनका जन्म 25 फरवरी 1980 को अमेरिका के न्यूयॉर्क के गार्डन सिटी में हुआ था। काश पटेल ने अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) में काम किया, राष्ट्रीय खुफ़िया निदेशक के कार्यालय और अमेरिकी रक्षा सचिव के कार्यकर्ता प्रमुख के रूप में कार्य किया।
Table of Contents
काश पटेल का प्रारंभिक जीवन:
काश पटेल का जन्म भारतीय प्रवासी परिवार में हुआ था। उनका परिवार गुजरात, भारत से था, और वे पहले अफ्रीका में रहने के बाद अमेरिका में आ कर बेस थे।काश का जन्म एक हिंदू परिवार में हुआ था। इसलिए उनका पालन-पोषण भी हिंदू रीतिरिवाज के हिसाब से हुआ था। और उन्हें अपनी शिक्षा की शुरुआत न्यूयॉर्क के गार्डन सिटी हाई स्कूल से करनी चाहिए। इसके बाद, काश ने रिचमंड यूनिवर्सिटी से क्रिमिनल ऑफ जस्टिस और इतिहास में डिग्री हासिल की। इसके खराब, काश ने यूनिवर्सिटी कोलाज ऑफ लंदन से अंतरराष्ट्रीय कानून में प्रमाण पत्र हासिल किया और फिर से विश्व विद्यालय स्कूल ऑफ लॉ से ज्यूरिस डॉक्टर की डिग्री प्राप्त की।
काश (Kash Patel)करियर की शुरुआत:
2005 में काश पटेल ने एक फेडरल पब्लिक डिफेंडर के रूप में अपने पेशेवर जीवन की शुरुआत की, जहां उन्होंने जटिल और गंभीर अपराधों से संबंधित मामलों में प्रतिनिधित्व किया। इसके बाद, काश ने अमेरिका संघीय अभियोजक के रूप में राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मामलों में कार्यरत रहे।काश के सशस्त्र बलों के साथ कानूनी समन्वयक के रूप में भी कार्य किया।
काश (Kash Patel) ट्रंप के कार्यकाल के दौरन:
2019 में काश पटेल को राष्ट्रपति ट्रम्प की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में एक महत्वपूर्ण भूमिका सौंपी गई, जहां उन्होंने आतंकवाद विरोधी निदेशालय की जिम्मेदारी संभाली । काश( Kash Patel) ने कूटनीतिक मिशनों में भाग लिया, जिसमें सीरिया में अमेरिकी नागरिकों की रिहाई के लिए एक गुप्त मिशन शामिल था । इसके बाद, काश्यप को राष्ट्रीय खुफिया निदेशक( ODNI) के कार्यालय में प्रमुख उपाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया । इसके अलावा, 2020 में, उन्हें अधिकारिता सचिव रक्षा विभाग( Acting Secretary of Defense) के मुख्यालय में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का मौका मिला, जहाँ उन्होंने ट्रम्प प्रशासन की नीतियों को लागू करने में सक्रिय भूमिका निभाई ।
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) और अन्य उच्च पद:
2019 में काश पटेल को राष्ट्रपति ट्रम्प की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में एक महत्वपूर्ण भूमिका सौंपी गई, जहां उन्होंने आतंकवाद विरोधी निदेशालय की जिम्मेदारी संभाली। काश (Kash Patel) ने कूटनीतिक मिशनों में भाग लिया, जिसमें सीरिया में अमेरिकी नागरिकों की रिहाई के लिए एक गुप्त मिशन शामिल था। इसके बाद, काश्यप को राष्ट्रीय खुफिया निदेशक (ODNI) के कार्यालय में प्रमुख उपाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया। इसके अलावा, 2020 में, उन्हें अधिकारिता सचिव रक्षा विभाग (Acting Secretary of Defense) के मुख्यालय में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का मौका मिला, जहाँ उन्होंने ट्रम्प प्रशासन की नीतियों को लागू करने में सक्रिय भूमिका निभाई।
यूक्रेन और ट्रम्प का विवाद:
काश (Kash Patel) का नाम कई बार यूक्रेन-ट्रंप विवाद में लिया गया, कुछ रिपोर्टों के अनुसार, काश्यप ने ट्रम्प के यूक्रेन नीति में हस्तक्षेप किया और गिउलियानी के साथ कुछ संचार भी किए, जिससे उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। हालांकि, काश्यप ने इन आरोपों का खंडन किया और खुद को हमेशा ट्रम्प की नीतियों के अनुरूप काम करने वाला व्यक्ति बताया।
काश (Kash Patel) की एफबीआई निदेशक के तौर पर नियुक्ति:
ट्रंप ने 2024 में कमला हैरिस के सामने राष्ट्रपति चुनाव में शानदार जीत के बाद काश पटेल को एफबीआई निदेशक के पद के लिए नाम घोषित किया।जिसे भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के संबध में और भी मजबुताई आएगी। क्योंकि काश पटेल एक भारतीय मूल के हैं। और भारत के प्रति विशेष लगाव है।यह कदम एफबीआई के वर्तमान निदेशक क्रिस्टोफर रे की जगह लेने के लिए था। काश्यप की इस नियुक्ति को लेकर कुछ लोग इसे विवादास्पद मानते हैं, जबकि उनके समर्थक इसे ट्रम्प प्रशासन के लिए एक कदम और पीछे हटने की बजाय एक मजबूत निर्णय मानते हैं।