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भारत-चीन राजनीतिक संबंध (India-China Political Relations): इतिहास, उतार-चढ़ाव और भविष्य की दिशा

India-China Political Relations: पंचशील से गलवान तक

मैंने MEA, PIB और विदेश नीति रिपोर्ट्स पढ़ीं… ये संबंध एशिया का भविष्य तय करेंगे।

छोटा सा सार: India-China Political Relations में पंचशील से गलवान तक – सहयोग, युद्ध, डोकलाम, BRICS, और प्रबंधित प्रतिस्पर्धा। क्वाड की भूमिका भी समझें।

India-China Political Relations - पंचशील से गलवान तक

अरे, India-China Political Relations है क्या माजरा?

दो पड़ोसी, दो महाशक्तियाँ – भारत और चीन। एक तरफ बौद्ध धर्म, रेशम मार्ग, सांस्कृतिक लिंक… दूसरी तरफ सीमा विवाद, अविश्वास, और गलवान जैसी झड़पें।

ऐतिहासिक विकास – पंचशील से ठंडे युद्ध तक

1954: पंचशील समझौता

नेहरू और माओ की दोस्ती। पंचशील – 5 सिद्धांत: शांति, सम्मान, सह-अस्तित्व। सब अच्छा था… तब तक।

  • संप्रभुता का सम्मान
  • आक्रमण न करना
  • हस्तक्षेप न करना

1962: भारत-चीन युद्ध

1959 में दलाई लामा भारत आए। चीन नाराज। अक्साई चिन पर कब्जा। 1962 में युद्ध – भारत हारा, मनोवैज्ञानिक झटका।

“हिंदी-चीनी भाई-भाई” का अंत। – MEA रिपोर्ट

आधुनिक दौर: सहयोग और प्रतिस्पर्धा

1990 के बाद व्यापार बढ़ा। BRICS, SCO में साथ। लेकिन डोकलाम (2017) और गलवान (2020) ने तनाव बढ़ाया।

भारत ने चीनी ऐप्स बैन किए, क्वाड में अमेरिका के साथ।

गलवान घाटी संघर्ष (2020)

45 साल बाद पहली हिंसक झड़प। दोनों तरफ हताहत। भारत ने आर्थिक प्रतिबंध लगाए।

भविष्य: प्रबंधित प्रतिस्पर्धा

सीमा वार्ताएँ जारी। BRICS में सहयोग। लेकिन क्वाड vs बेल्ट एंड रोड – प्रतिस्पर्धा बनी रहेगी।

सारांश तालिका

काल घटना स्वरूप
1947–54 पंचशील मित्रता
1959–62 युद्ध टकराव
1976–88 बहाली सावधानी
2017–20 डोकलाम, गलवान तनाव
2021–25 BRICS, वार्ता प्रतिस्पर्धा

नीति सुझाव

  • सीमा वार्ता को तेज करें।
  • सांस्कृतिक संपर्क बढ़ाएँ।
  • क्वाड और BRICS में बैलेंस।

मेरी राय?

सहयोग जरूरी, लेकिन सतर्कता भी। भारत को अपनी शक्ति बढ़ानी होगी।

कुछ सवाल जो सब पूछ रहे हैं

Q. 1962 युद्ध क्यों हुआ?
A. सीमा विवाद – अक्साई चिन, अरुणाचल।

Q. गलवान के बाद क्या बदला?
A. आर्थिक प्रतिबंध, क्वाड मजबूत।

Q. भविष्य में सुधार संभव?
A. हाँ, लेकिन विश्वास बनाने में समय लगेगा।


स्रोत:
MEA |
PIB |
The Hindu

मैंने ये पोस्ट सरकारी रिपोर्ट्स और न्यूज़ से पढ़कर लिखी। कोई अफवाह नहीं।

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